खेल

राजस्थान रॉयल्स ने किंग्स XI पंजाब को बुरी तरह हराया, मैच में होरो बन गए तेवतिया

शारजाह – इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन के नौवें मैच में ही इतिहास बन गया। शारजाह में खेले गए मुकाबले में राजस्थान रॉयल्स ने किंग्स इलेवन पंजाब को हराते हुए टूर्नामेंट के इतिहास का सबसे बड़े लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा किया। संजू सैमसन की (85), स्टीव स्मिथ (50) और फिर राहुल तेवतिया (53) की अर्धशतकीय पारियों के दम पर रॉयल्स की टीम ने सीजन का अपना दूसरा मुकाबला जीता।

इससे पहले मैच में टॉस गंवाकर किंग्स इलेवन पंजाब ने पहले बल्लेबाजी करते 223/2 का स्कोर खड़ा किया। पंजाब की तरफ से मयंक अग्रवाल ने बेहतरीन शतक तो केएल राहुल ने अर्धशतक लगाया। दोनों के बीच आईपीेएल की तीसरी सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी हुई। वहीं पारी के आखिरी ओवर में मैक्सवेल (13*) और निकोलस पूरन (25*) ने भी तूफानी बल्लेबाजी करते हुए टीम के स्कोर को 200 के पार ले गए।

राहुल तेवतिया ने एक ही ओवर में लगाए 5 छक्के –
राहुल तेवतिया की एक ओवर में पांच छक्कों से सजी आतिशी पारी के दम पर राजस्थान रॉयल्स ने पंजाब को हरा दिया। आईपीएल में इस वक्त हर जगह सिर्फ और सिर्फ राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज़ राहुल तेवतिया की चर्चा हो रही है। वो बल्लेबाज़ जो एक ही ओवर में जीरो से हीरो बन गया। उन्होंने शेल्डन कॉटरेल के एक ही ओवर में 5 छक्के लगातार कर राजस्थान को हारी बाजी में जीत दिला दी।  

सहवाग ने की तेवतिया की तारीफ –
सहवाग ने सोशल मीडिया पर तेवतिया की जम कर तारीफ की। उन्होंने लिखा, ‘ हीरो पैदा नहीं होते बनते हैं. तेवतिया में माता आ गई। क्या ज़ोरदार वापसी की है। यही है क्रिकेट और यही है जीवन, मिनटों में सबकुछ बदल जाता है. बस खुद को हारने मत दो। अगर अपनी कामयाबी पर यकीन किया जाए तो उंगलियां उठाने वाले भी तालियां बजाना शुरू कर देते हैं।’

राहुल तेवटिया को नंबर-4 पर बल्‍लेबाजी के लिए क्‍यों भेजा गया ?
बतौर स्पिनर खेलने वाले राहुल तेवटिया को रॉबिन उथप्‍पा और रियान प्रयाग के ऊपर चौथे क्रम पर बल्‍लेबाजी के लिए क्‍यों भेजा गया। स्‍टीव स्मिथ जब आउट हुए तब रॉयल्‍स को जीत के लिए 66 गेंदों में 124 रन की दरकार थी। इतने दबाव में राहुल को चौथे नंबर पर भेजने का क्‍या लॉजिक था? संजू सैमसन ने इसका जवाब दिया, ‘मेरे ख्‍याल से हमारे कोच एंड्रयू मैक्‍डोनाल्‍ड और जुबीन (क्रिकेट निदेशक) की यह सोच थी। राहुल तेवटिया पर बहुत मेहनत की गई है। मेरे ख्‍याल से वह नियमित लेग स्पिनर हैं और प्रबंधन को अभ्‍यास मैच के दौरान उनमें बल्‍लेबाजी की क्षमता भी नजर आई। इसलिए उसे ऊपर भेजने का फैसला लिया गया। मेरे ख्‍याल से यह अच्‍छा मूव था और तेवटिया ने सभी को गर्व महसूस कराया।’

मैच के बाद क्या कहा तेवटिया ने –
तेवतिया से जब ये पूछा गया कि शुरुआती 19 गेंद में आप केवल 8 रन बना इसके बाद कैसे सकारात्मक और मानसिक रूप से मजूबत रहे तो उन्होंने कहा, शुरुआत में मैं गेंद को अच्छी तरह नहीं मार पा रहा था लेकिन मैंने जब डगआउट की ओर देखा वो सभी बड़े शॉट्स देखने के लिए आतुर थे। वो जानते हैं कि मैं बड़े शॉट्स खेल सकता हूं।’

उन्होंने आगे कहा, उसके बाद मैंने सोचा कि मुझे खुद पर यकीन करना होगा। केवल एक छक्का निकलने की देर है और सब ठीक हो जाएगा अंत में ऐसा ही हुआ। मैंने पहले लेग स्पिनर के खिलाफ शॉट्स लगाने की कोशिश की लेकिन मैं नाकाम रहा। ऐसे में मुझे किसी और गेंदबाज के खिलाफ आक्रमण करना था और कॉट्रेल के खिलाफ मैंने पांच छक्के जड़ दिए। लेकिन वो शानदार अनुभव था।

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