बाबरी मस्जिद विध्वंस मामला : आडवाणी, जोशी, सहित सभी 32 आरोपी बरी
नई दिल्ली –
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में मामले पर फैसला सुनाते हुए सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है। सुनवाई से पहले लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, नृत्यगोपाल दास, सतीश प्रधान के अलावा सभी आरोपी कोर्ट में मौजूद थे। इसके अलावा 6 आरोपी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए थे।
इस केस की चार्जशीट में बीजेपी के एलके आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह समेत कुल 49 लोगों का नाम शामिल था। जिनमें से 17 लोगों का निधन हो चुका है, बाकि 32 आरोपियों को कोर्ट ने मौजूद रहने के लिए कहा गया था लेकिन 26 आरोपी ही कोर्ट पहुंचे हैं। छह दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के आपराधिक मामले में 28 साल बाद जज सुरेंद्र कुमार यादव की विशेष अदालत अपना फैसला सुनाया।
जज ने फैसला पढ़ते हुए कहा है कि यह विध्वंस पूर्व नियोजित नहीं था बल्कि आकस्मिक घटना थी। विशेष अदालत ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी व कल्याण सिंह सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया है। सीबीआई व अभियुक्तों के वकीलों ने करीब आठ सौ पन्ने की लिखित बहस दाखिल की है। इससे पहले सीबीआई ने 351 गवाह व करीब 600 से अधिक दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए हैं।
30 सितंबर, 2019 को सुरेंद्र कुमार यादव जिला जज, लखनऊ के पद से सेवानिवृत्त हुए थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें फैसला सुनाने तक सेवा विस्तार दिया था। विशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव के कार्यकाल का अंतिम फैसला 30 सितंबर को होगा। सीबीआई के वकील ललित सिंह के मुताबिक कि यह उनके न्यायिक जीवन में किसी मुकदमे का सबसे लंबा विचारण है। वह इस मामले में वर्ष 2015 से सुनवाई कर रहे हैं।