कराची :
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में मामले पर फैसला सुनाते हुए सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है। सुनवाई से पहले लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, नृत्यगोपाल दास, सतीश प्रधान के अलावा सभी आरोपी कोर्ट में मौजूद थे। इसके अलावा 6 आरोपी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए थे।
इस फैसले को लेकर पाकिस्तान से भी प्रतिक्रिया आई है। पाकिस्तान ने कहा है कि अयोध्या में ऐतिहासिक मस्जिद गिराने के लिए जिम्मेदार लोगों को बरी करना शर्मनाक है और पाकिस्तान इसकी निंदा करता है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘जिस पूर्वनियोजित रथ यात्रा और बीजेपी, विहिप और संघ परिवार के नेताओं के द्वारा भीड़ को उकसाने की वजह से मस्जिद का ढांचा गिराया गया, जिस आपराधिक कृत्य का टीवी पर लाइव प्रसारण हुआ, उस पर फैसला आने में तीन दशक लग गए।
ये दुनिया को साबित करता है कि हिंदुत्ववाद से प्रभावित भारतीय न्यायपालिका एक बार फिर न्याय देने में असफल रही।’ पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘बाबरी मस्जिद के ढांचा गिराए जाने की वजह से बीजेपी की अगुवाई में सांप्रदायिक हिंसा भड़की जिससे हजारों जानें गईं। अगर दुनिया के कथित सबसे बड़े लोकतंत्र में न्याय की जरा भी छाया होती तो आपराधिक कृत्य के बारे में सार्वजनिक रूप से शेखी बघारने वाले लोगों को बरी नहीं किया गया होता।’
पाकिस्तान ने इन पर लगाया आरोप –
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-बीजेपी का शासन और संघ परिवार भारत में मस्जिदों के ढहाने और तोड़फोड़ की घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं।”