चाणक्य नीति : दुनिया में सबसे ज्यादा कामयाब बनने के लिए 2 लोग का साथ जरुरी
नई दिल्ली –
चाणक्य का भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। ये अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र के ज्ञाता होने के साथ ही एक महान दार्शनिक भी थे। इन्होंने अपनी नीतियों के माध्यम से नंदवंश का नाश करके चंद्रगुप्त मौर्य को राजा बना दिया। आज के दुनिया में हर किसी की अपनी-अपनी चाहत होती है। कोई रुपया-पैसा चाहता है, कोई सम्मान तो कोई मुक्ति की कामना रखता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में कहा कि पूर्व जन्म के कर्म और उसके फल को लेकर ही मनुष्य को मिलता है सुख और दुःख।
आचार्य चाणक्य में कहा है कि ‘कामयाब होने के लिए अच्छे मित्रों की जरूरत होती है और ज्यादा कामयाब होने के लिए अच्छे शत्रुओं की आवश्यकता होती है।’ आचार्य चाणक्य के कहने का मतलब है कि कोई भी व्यक्ति तभी कामयाब होता है जब उसके साथ अच्छे दोस्त होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अच्छे दोस्त अपने सच्चे दोस्तों को हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। वो ना केवल मनोबल बढ़ाते हैं बल्कि दुख और सुख दोनों में साथ देते हैं।
चाणक्य का कहना है कि जहां जिंदगी में अच्छे दोस्तों का होना जरूरी है वहीं शत्रु भी उतने ही जरूरी है। शत्रु मनुष्य को जिंदगी में ज्यादा सफल होने के लिए और प्रोत्साहित करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि शत्रु से आगे बढ़ने की इच्छा मनुष्य को जीवन में और सफल बना देती है। मनुष्य में सामने वाले को देखकर उससे आगे बढ़ने की इच्छा होती है। जब सामने वाला शत्रु हो तो इच्छा और भी प्रबल हो जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि कोई भी मनुष्य अपने आगे अपने शत्रु को निकलते हुए नहीं देख सकता। इसी होड़ में वो कई बार कामयाबी के शिखर पर भी पहुंच जाता है।