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हाथरस जा रहे एक पत्रकार समेत 3 गिरफ्तार, राजद्रोह का मामला दर्ज

हाथरस जा रहे एक पत्रकार समेत 3 गिरफ्तार, राजद्रोह का मामला दर्ज  

लखनऊ  –  मथुरा में बुधवार को दर्ज की गयी एक एफआईआर के अनुसार, इस सप्ताह उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा हाथरस जा रहे एक पत्रकार और तीन अन्य लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम और देशद्रोह के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सोमवार को मथुरा में गिरफ्तार किए गए चार लोगों को प्रतिबंधात्मक हिरासत में रखा गया था, लेकिन उनके खिलाफ आज मथुरा के मांट पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज की गई और बाद में उन्हें अदालत में पेश किया गया।

इन चार लोगों में मुजफ्फर नगर से अतीक-उर-रहमान, मलप्पुरम (केरल) से सिद्दीक, बहराइच से मसूद और रामपुर से आलम शामिल हैं। सिद्दीक एक पत्रकार हैं। ये सभी सोमवार की रात जब हाथरस जा रहे थे तभी उन्हें लैपटॉप और हाथरस विक्टिम के लिए न्याय से संबंधित कुछ आपत्तिजनक साहित्य के साथ गिरफ्तार किया गया था।

उन्होंने कहा कि वे कथित तौर पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के स्टूडेंट विंग कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) से जुड़े हुए हैं और दिल्ली से आकर कार में हाथरस की ओर जा रहे थे तब उन्हें रोका गया।

यूपी सरकार ने कहा है कि राज्य में जाति और सांप्रदायिक हिंसा फ़ैलाने की साजिश रची जा रही है और हाथरस पुलिस अब इस मामले में एक साजिश के दृष्टिकोण से जांच कर रही है, जिससे राजनीतिक तूफान की परिस्थिति निर्माण हो गयी है।  

पुलिस अधीक्षक, मथुरा ग्रामीण शीरिश चंद ने पुष्टि की कि इन चारों के ऊपर अब राजद्रोह और अन्य आरोपों के लिए मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि इन चारों को बुधवार को कोर्ट के सामने पेश किया गया और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

आईपीसी की धारा 153-ए (दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), आईपीसी की 295 ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करने से भावनाओं को अपमानित करने का इरादा) के तहत दर्ज किया गया है।

एफआईआर में उन पर हाथरस में दंगे भड़काने के प्रयास और जातिगत हिंसा को हवा देने का आरोप है, जिसके लिए वे वेबसाइट Carrd.co के लिए काम करने वालों के माध्यम से पैसा एकत्र कर रहे थे।

इन चारों पर दंगा भड़काने, अफवाह फैलाने, लोगों को इकट्ठा करने और अपनी वेबसाइट के माध्यम से भारत के खिलाफ घृणा अभियान चलाने का प्रयास करने का आरोप है। गिरफ्तार किए गए चारों को वेबसाइट के माध्यम से इन सभी गतिविधियों में शामिल होने का दोषी ठहराया गया था, इस मामले में सब इंस्पेक्टर और शिकायतकर्ता प्रबल प्रताप सिंह के अनुसार, ये गैरकानूनी कार्य सभी चारों को राजद्रोह के आरोप में उत्तरदायी बनाते हैं।

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