नई दिल्ली –
कोरोना को लेकर हुए एक शोध से पता चला है कि कोविड -19 के साथ फैलने वाला कोरोना वायरस नोट, स्मार्टफोन, ग्लास और स्टेनलेस स्टील पर 28 दिनों तक जीवित रह सकता है। ऑस्ट्रेलियन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस द्वारा प्रकाशित शोध, जर्नल ऑफ वायरोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।
जिसमें बताया गया है कि SARS-COV-2 लंबे समय तक सतहों पर जीवित रह सकता है। यह नियमित स्वच्छता की आदतों की आवश्यकता को रेखांकित करता है, जैसे कि नियमित रूप से हाथ धोने और सतहों की निरंतर सफाई। ऑस्ट्रेलियन सेंटर फॉर डिसीज प्रिपेरडनेस (ACDP) के शोध से पता चला है कि SARS-COV-2 कम तापमान और लंबे समय तक छिद्रित सतहों जैसे कांच, स्टेनलेस स्टील और प्लास्टिक शीट पर जीवित रहता है।
ऑस्ट्रेलिया के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, CSIRO के शोधकर्ताओं ने पाया है कि प्लास्टिक की तुलना में कोरोना वायरस कागज के नोटों पर अधिक समय तक जीवित रह सकता है। यह साबित करने से कि एक सतह पर वायरस कितने समय तक जीवित रहता है, हम वायरस के प्रसार और उसके शमन का सटीक अनुमान लगा सकते हैं। सीएसआईआरओ के सीईओ लैरी मार्शल ने कहा कि यह लोगों को वायरस से बचाने का अच्छा काम कर सकता है।
20 डीग्री सेलियस ऊपर सामान्य तापमान पर कोरोना वायरस मजबूत पाया गया है। एबीसीपी के डिप्टी डायरेक्टर डेबी ईगल्स ने कहा कि यह मोबाइल फोन स्क्रीन की चिकनी सतहों जैसे प्लास्टिक बैंकनोट्स पर 28 दिनों तक रह सकता है। उसने कहा कि जैसे-जैसे प्रयोग के दौरान तापमान बढ़ता गया, उसके जीवित रहने का समय भी कम होता गया।