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WWF की चिंताजनक रिपोर्ट, 2050 में पानी की कमी से जूझेंगे दिल्ली-मुंबई और जयपुर-अहमदाबाद जैसे कई शहर

मुंबई –

जल ही जीवन है… ये कहावत सब जानते है लेकिंन, बहुत कम ही लोग है जो जल की महत्व को जानते है। ज्यादातर लोग पानी की बर्बादी करते है। जरुरत से ज्यादा पानी का इस्तेमाल करते है। नहाने,कपड़े धोने के बहाने ज्यादातर पानी बर्बाद करते है। जिसकी वजह से भारत में पानी की कमी का खतरा मंडरा रहा है। विश्व वनजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) की ताजा रिपोर्ट में सामने आया है कि आने वाले सालों में भारत गंभीर जल सकंट से जूझेगा।

इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के 30 शहरों में 2050 तक पानी का बड़ा सकट होगा, इसमें दिल्ली, कानपुर, जयपुर, इंदौर, मुंबई, चंडीगढ़ और लखनऊ जैसे शहर हैं। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के जोखिम फिल्टर विश्लेषण के अनुसार, आर्थिक गतिविधियों के केंद्र 100 शहरों में पानी का गंभीर संकट होगा। यहां रहने वाली 35 करोड़ की आबादी 2050 तक पानी के गंभीर संकट होगी। इससे बचने के लिए तत्काल कार्रवाई के साथ जलवायु परिवर्तन पर तुरंत प्रभाव के साथ काम करने की जरुरत है।

इन शहरों के भी नाम शामिल –
अमृतसर, पुणे, श्रीनगर, कोलकत्ता, बंगलूरू, कोझिकोड़ा, विशाखापट्टनम, ठाणे, नासिक, अहमदाबाद, जबलपुर, हुबली, धारावाड़, नागपुर, लुधियाना, जालंधर, धनबाद, भोपाल, ग्वालियर, सूरत, अलीगढ़ और कन्नूर। इस विश्लेषण में शहरों को 2030 और 2050 के आधार पर पांच में से नंबर देकर आकलित किया गया। इसमें सबसे अधिक जोखिम वाले स्कोर लुधियाना, चंडीगढ़, अमृतसर और अहमदाबाद को मिले हैं।

इस रिपोर्ट में 100 शहरों में कुछ दक्षिण एशिया, अमेरिका और अफ्रीका में हैं, जबकि 50 शहर चीन के हैं। इसमें चिंता की बात यह है कि भारत ऐसा देश है जिसके शहर अतिसंवेदनशील जोखिम वाले शहरों की वर्तमान और आने वाले कल यानी दोनों सूचियों में शुमार रखता है।

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