Dhanteras : ‘इन’ 5 तरीकों से पता करें चांदी असली है या नकली
नई दिल्ली –
इस साल धनतेरस 12 नवंबर और 13 नवंबर को है। यानि कि कुछ लोगों ने ही इससे मना लिए और कुछ आज मनाएंगे। दरअसल शुक्रवार को शाम 6 बजे के बाद धनतेरस की पूजा करना शुभ होगा। 13 नवंबर शुक्रवार को शाम को 5 बजकर 59 मिनट तक त्रयोदशी है। प्रदोष काल होने के कारण धनतेरस की पूजा 13 नवंबर को करना शुभ है।
धनतेरस-दिवाली के मौके पर लोग सोना खरीदना शुभ मानते हैं। सोने को लक्ष्मी और प्रभुता का रूप माना गया है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन सोना खरीदने से उनके घर खुशियां बनी रहेगी। इस धनतेरस आगे आप चांदी के सिक्के या फिर चांदी की ज्वेलरी समेत दूसरे आइटम खरीदने की सोच रहे हैं, तो थोड़ी-सी जानकारी से आप असली-नकली चांदी की पहचान आसानी से कर सकेंगे।
‘इन’ 5 तरीकों से पता करें चांदी असली है या नकली –
1. शुद्ध चांदी काफी नरम होती है। जिसे फाइन सिल्वर कहा जाता है। चांदी में आमतौर पर तांबा, जस्ता और निकल मिलाया जाता है। तांबा मिलाने से चांदी का लचीलापन खत्म हो जाता है।
2. चांदी की भी हालमार्किंग होती है। चांदी के बार पर शुद्धता लिखी होती है। जैसे 99.9 फीसदी या 95 फीसदी लिखी होती है। सबसे अच्छी चांदी स्टर्लिंग चांदी के रूप में बेची जाती है। इसमें 92.5 फीसदी चांदी होती है इसलिए इस पर .925 या 925 की मुहर लगी होती है। सिक्कों में 90 फीसदी तक चांदी होती है।
3. असली और नकली सिक्कों की पहचान उसकी खनक से हो जाती है। गर इसके गिरने से घंटी के बजने जैसी आवाज आए, तो ये असली चांदी के सिक्के की पहचान होती है। जबकि नकली सिक्का लोहे की तरह खनकता है। प्राचीन और विक्टोरियन सिक्के गोल व घिसे रहते हैं, जबकि नकली सिक्कों के किनारे कोर खुरदुरी रहती है।
4. सिल्वर मैग्नेटिक धातु नहीं होती है। इस टेस्ट के लिए आपको सामान्य से ज्यादा पावर वाले मैग्नेट से पहचान करनी होगी। नकली सिल्वर मैग्नेट (चुंबक) की ओर अट्रैक्ट होगा, जबकि असली सिल्वर मैग्नेट की ओर अट्रैक्ट नहीं होता है।
5. चांदी में किसी सामान्य धातु की तुलना में अत्यधिक मात्रा में थर्मल कंडक्टिविटी है। चांदी असली है या नकली इसके लिए आप एक बर्फ का टुकड़ा चांदी पर रखें। अगर तेजी से बर्फ पिघलने लगे तो ये असली चांदी की पहचान होती है लगेगा की किसी गर्म चीज पर बर्फ हो रख दिया है। क्योंकि थर्मल एनर्जी तेजी से बर्फ में ट्रांसफर होती है।