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Chhath Puja Special : आज से छठ महापर्व शुरू, जानिए शुभ मुहूर्त और विशेषताएं

नई दिल्ली –

छठ का महापर्व 18 नवंबर यानी की आज से शुरू हो रहा है। छठ का त्योहार उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार में मुख्य रूप से मनाया जाता है। इस दिन पर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसकी शुरुआत नहाय-खाय के साथ इसकी शुरुआत होती है। छठ पूजा में बहुत से पकवान बनाए जाते हैं। निर्जला अनुष्ठान के पहले दिन यानि की आज व्रती घर, नदी, तालाबों आदि में स्नान कर अरवा चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्जी का प्रसाद ग्रहण करेंगे।

19 नवंबर को खरना करेंगे। इस दिन व्रती दिनभर निर्जला उपवास रखने के बाद शाम को दूध और गुड़ से बनी खीर का प्रसाद खाकर चांद को अर्घ्य देंगे और लगभग 36 घंटे का निर्जला व्रत उपवास शुरू करेंगे। 20 नवंबर को व्रती डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे और 21 नवंबर को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ महाव्रत संपन्न करेंगे। सूर्य को अर्घ्य देने के बाद प्रसाद वितरण करेंगे और अन्न-जल ग्रहण(पारण) कर चार दिवसीय अनुष्ठान समाप्त करेंगे।

मान्यता है कि छठ पूजा के दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर संतान के सुखी -जीवन की कामना के लिए किया जाता है। छठ का व्रत सबसे कठिन होता है। इस व्रत के दौरान लोग 36 घंटे तक खाना और पानी नहीं पीते है। छठी मईया का व्रत के साथ नियम भी काफी कठिन होते है। कार्तिक महीने की षष्टी को छठ का त्योहार मनाया जाता है। षष्ठी मईया को बिहार के लोग आसान भाषा में छठी मईया कहकर पुकारते हैं।

मान्यता है कि छठ के पूजा के दौरान पूजी जाने वाली छठी मईया भगवान सूर्य की बहन हैं। इसीलिए लोग भगवान सूर्य को प्रसन्न करते हैं। छठी मईया की पूजा संतान प्राप्ति के लिए भी की जाती है। मां दुर्गा के कात्यायनी देवी को भी छठ माता का ही रूप माना जाता है।

छठ पर्व की तारीख –
18 नवंबर 2020 बुधवार- नहाय-खाय
19 नवंबर 2020 बुधवार- खरना
20 नवंबर 2020 बुधवार- डूबते सूर्य का अर्घ्य
21 नवंबर 2020 बुधवार- उगते सूर्य का अर्घ्य

पहला अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त
छठ पूजा के दिन सूर्योदय – 20 नवंबर, 06:48 AM
छठ पूजा के दिन सूर्यास्त – 20 नवंबर, 05:26 PM

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