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एस्टेरॉयड जरा सा भी चूकता तो बदल जाता धरती का नक्शा, टला हादसा

नई दिल्ली –

13 नवंबर की रात एक बड़ा हादसा टल गया। दरअसल अगर एस्टेरॉयड से जरा सा भी चूक हो जाता तो धरती का पूरा नक्शा ही बदल जाता। दुनिया भर के साइंटिस्ट्स थोड़ी देर के लिए डर गए थे। यह एस्टेरॉयड धरती के वायुमंडल के ठीक ऊपर से होकर गुजरा था। वो भी धरती से मात्र 386 किलोमीटर की दूरी से। बता दें इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब कोई एस्टेरॉयड धरती के इतने ककी रीब से गुजरा है।

इस एस्टेरॉयड का नाम 2020VT4 है। एस्टेरॉयड का आकार लंदन में चलने वाली बस जितना है। यह स्पेस रॉक एक तरफ पतला है दूसरी तरफ मोटा है। एक तरफ इसकी चौड़ाई 16 फीट है जबकि दूसरी तरफ 33 फीट है।

वैज्ञानिकों ने बताया कि यह धरती के वायुमंडल के ठीक ऊपर से निकल गया। अगर यह वायुमंडल में आ जाता तो खतरा ज्यादा हो सकता था। अगर यह धरती पर गिरता तो प्रशांत महासागर के दक्षिणी इलाके में कहीं गिरता। इससे भयानक सुनामी भी आ सकती थी। एस्टेरॉयड 2020VT4 को पहले A10sHcN कहा जाता था। एस्ट्रोनॉमर टोनी डुन ने 14 नवंबर को ट्वीट करते हुए कहा था कि एस्टेरॉयड 2020VT4 धरती के बगल से गुजर गया है। यह प्रशांत महासागर के दक्षिणी इलाके के कुछ सौ किलोमीटर ऊपर से निकला है। यह बेहद रोमांचक और भयावह था।

साइंटिस्ट के अनुसार एक एस्टेरॉयड को धरती पर बड़ी तबाही के लिए कम से कम 82 व्यास का होना चाहिए। इससे छोटा वायुमंडल में आकर नष्ट हो सकता है। धरती पर 66 मिलियन वर्ष पहले जिस एस्टेरॉयड ने डायनासोर की प्रजातियों को खत्म किया था वह 12.1 किलोमीटर चौड़ा था। जिसकी वजह से पूरी धरती पर तबाही आ गई थी। डायनासोर समेत कई प्राचीन जीवों की प्रजातियां खत्म हो गई थीं।

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