श्रीनगर – जम्मू कश्मीर के नगरोटा में गुरुवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों को बीच हुई मुठभेड़ को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक की है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, विदेश सचिव और इंटिलीजेंस अफसरों के साथ के साथ समीक्षा बैठक की और इस पूरे एनकाउंटर को लेकर जानकारी ली। इस आतंकी हमले पर भारत ने सख्त रूख अपनाया है।
पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा एजेंसियों के साथ बैठक के बाद शनिवार को भारत ने पाकिस्तान के दूतावास प्रभारी को तलब करके आतंकी घटना पर कड़ा विरोध जताया। बता दें कि पिछले साल पुलवामा अटैक होने के बाद से दोनों देशों में उच्चायुक्त तैनात नहीं है। ऐसे में दोनों देशों के दूतावास प्रभारी एंबेसी का काम संभाल रहे हैं। नगरोटा अटैक में ढेर हुए आतंकियों के पास से पाकिस्तान की कंपनी के बनाए हुए मोबाइल फोन बरामद हुए हैं।
भारत ने पाकिस्तानी प्रभारी को एक प्रोटेस्ट नोट भी सौंपा है। जिसमें जैश ए मोहम्मद की ओर से किए गए नगरोटा हमले पर ‘गहरी चिंता’ जताई गई। नोट में भारत ने सख्त तरीके से पाकिस्तान को कहा कि वह आतंकियों को समर्थन करना बंद करे और अपनी सरजमीन पर चल रहे आतंकियों को ठिकानों को ध्वस्त करे।
इधर भारतीय नौसेना ने भी पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी जारी की है। वाइस एडमिरल एम एस पवार ने कहा है कि समंदर के रास्ते किसी भी संभावित आतंकी हमले पर पलटवार करने के लिए नौसेना तैयार है।