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लॉकडाउन के कारण एडवांस स्टेज में पहुंचे कैंसर के मरीज : डॉक्टर्स

मुंबई : लॉकडाउन के दौरान इलाज नहीं करा पाने से मरीज की स्थिति गंभीर हो रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कैंसर के मरीजों का हाल अब पहले चरण से आगे बढ़कर तीसरे और चौथे चरण में पहुंच रहा हैं। उनकी जान को खतरा है। डॉक्टरों के मुताबिक, चिकित्सा कैंसर विभाग की दैनिक ओपीडी में 40 प्रतिशत मरीज ‘उन्नत’ अवस्था में हैं। इसमें स्तन, मुंह और फेफड़ों के कैंसर के मरीज सबसे ज्यादा है।

दरअसल कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मार्च में लॉकडाउन शुरू हुई। जिसके अंतर्गत जिला यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। सार्वजनिक और निजी परिवहन भी बंद कर दिए गए। हालांकि मरीजों को इससे जरूर छूट दी गई। लेकिन, कोरोना के खतरे को देखते हुए कई मरीजों ने यात्रा टाल दिया। वहीं हाल जून में देखा गया। जून में लॉकडाउन को खोल दिया गया लेकिन, कोरोना के डर से मरीज घर पर ही रहे। अक्टूबर में कोरोना की संख्या कम होने से मरीज घर से बाहर निकलना शुरू किये। लेकिन, इन सात से आठ महीनों के दौरान कई कैंसर रोगी अगले स्तर तक चले गए।

ग्रामीण क्षेत्रों में इसके रोगियों की बड़ी संख्या है। डॉक्टरों के मुताबिक, आउट पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) में आने वाले 40 फीसदी मरीज एडवांस स्टेज में हैं। उनके बीमारी में वृद्धि हुई है। चिकित्सा कैंसर विभाग के प्रमुख डॉ. अशोक दीवान ने कहा कि जिन रोगियों को लॉकडाउन से पहले पहले चरण में निदान किया गया था, वे अब छह से आठ महीने के बाद इलाज के लिए आ रहे हैं। नतीजतन, उनमें कैंसर बढ़ गया है।

स्तन, सिर, गर्दन, गाल, जीभ वाले कैंसर के मरीजों को उपचार के लिए तुरंत भर्ती किये जा रहे है। ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. सुशील मंधानिया ने कहा कि कैंसर के मरीज अगर छह से सात महीने तक बिना इलाज के रहते है तो वह एडवांस स्टेज में पहुंच जाते है।

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