किसान आंदोलन से अब तक अर्थव्यवस्था को 75000 करोड़ का नुकसान!
नई दिल्ली : कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए किसानों के आंदोलन का आज 21 वां दिन है। किसान पिछले कुछ दिनों से दिल्ली सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस कानून के खिलाफ पूरे देश में आंदोलन हो रहे हैं। किसान प्रदर्शनकारी कानून को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, जबकि केंद्र सरकार ने कानून को रद्द करने से इनकार कर दिया है।
किसानों के इस आंदोलन का देश की अर्थव्यवस्था पर हर दिन बड़ा प्रभाव पड़ रहा है। देश के मुख्य वाणिज्य और उद्योग मंडल, ASSOCHAM ने कहा है कि देश में चल रहे किसानों के आंदोलन से अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा है। ASSOCHAM के अनुसार, किसानों का आंदोलन देश में प्रतिदिन 3000 से 3500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। है। किसानों का आंदोलन लगभग तीन सप्ताह से चल रहा है। ASSOCHAM ने 21 दिनों में लगभग 75,000 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया है।
ASSOCHAM के अनुसार, किसानों के आंदोलन ने पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर की अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित किया है। ASSOCHAM ने केंद्र सरकार और किसान संगठनों से अपील की है कि वे कृषि कानूनों पर चल रहे विवाद को हल करें। ASSOCHAM के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा है कि पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की संयुक्त अर्थव्यवस्थाएं लगभग 18 लाख करोड़ रुपये की हैं। किसानों के विरोध के कारण आंदोलन के दौरान सड़क, टोल और रेलवे बंद थे।
वस्त्र, वाहन के पुर्जे, साइकिल, खेल उपकरण और अन्य सामग्रियों के साथ-साथ क्रिसमस की वस्तुओं का निर्यात भी पूरा नहीं किया जा सकता है। यह वैश्विक स्तर पर कंपनियों की छवि को भी नुकसान पहुंचा रहा है।