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10 वरिष्ठ अर्थशास्त्रियों ने मोदी सरकार को लिखा खत, बताया नए कानून में क्या हैं कमी

नई दिल्ली – नए कृषि कानून को लेकर देशभर में किसान आंदोलन कर रहे है। पंजाब-हरियाणा के किसान दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं। सरकार सभी से बातचीत के जरिए समस्या का समाधान करने की कोशिश कर रही है लेकिन किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को आठ पन्नों का खत लिखकर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से खास अपील भी की है।

इस बीच देश के 10 जाने माने वरिष्ठ अर्थशास्त्रियों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर कृषि कानून को निरस्त करने की मांग की है। इसके साथ ही इन सभी ने कारण भी बताए हैं कि क्यों ये बिल से किसी को फायदा नहीं होने वाला है।

बताया नए कानून में क्या हैं कमी –
– नया कृषि कानून छोटे किसानों के लिए सही नहीं है इससे उनको फायदा नहीं नुकसान होगा।

– नया कृषि कानून दो तरह के बाजारों की रूप रेखा दो नए नियमों के तहत तय कर रहा है, जो कि व्यवाहरिक रूप से सही नहीं होगा, नए कानून किसानों से ज्यादा कॉर्पोरेट हितों की सेवा करेंगे। ये कानून मंडी सिस्टम और पूरी खेती को प्राइवेट हाथों में सौंप देंगे, जिससे किसान को भारी नुकसान उठाना होगा।

– ये कानून contract farming को भी दो भागों में बांट रहे हैं इससे किसानों के हित की रक्षा नहीं की जा सकती है। बाजार भाव, किसानों की बेसिक समस्याओं की वजह से Agricultural Businesses प्रभावित होगा, जिससे किसान को ही नुकसान होगा इस वजह नया कृषि निरस्त होना चाहिए।

10 वरिष्ठ अर्थशास्त्रियों ने मोदी सरकार को लिखा खत –
– प्रोफेसर डी. नरसिम्हा रेड्डी (retd), पूर्व में हैदराबाद विश्वविद्यालय

– प्रोफेसर कमल नयन काबरा (सेवानिवृत्त) पूर्व में भारतीय लोक प्रशासन संस्थान और सामाजिक विज्ञान संस्थान (नई दिल्ली)

– प्रोफेसर के.एन. हरीलाल, प्रोफेसर (छुट्टी पर) सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज, तिरुवनंतपुरम, और केरल राज्य योजना बोर्ड के सदस्य

– प्रोफेसर राजिंदर चौधरी, एम. डी. विश्वविद्यालय, रोहतक में पूर्व प्रोफेसर;

– प्रोफेसर सुरिंदर कुमार सीआरआरआईडी, चंडीगढ़

– प्रोफेसर अरुण कुमार, सामाजिक विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली में मैल्कम एस

– प्रोफेसर रणजीत सिंह घुमन, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर में प्रख्यात के प्रोफेसर और सीआरआईडीआईडी, चंडीगढ़ में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर

– प्रोफेसर आर. रामकुमार, टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान, मुंबई में नाबार्ड के अध्यक्ष प्रो।

– प्रोफेसर विकास रावल और हिमांशु, दोनों ही आर्थिक अर्थशास्त्र और योजना केंद्र (CESP), जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में अर्थशास्त्र के एसोसिएट प्रोफेसर हैं।

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