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Farmers Protest : सरकार के प्रस्ताव को किसान संगठनों ने ठुकराया

नई दिल्ली – नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 29वें दिन भी जारी है। किसानों ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि कृषि कानूनों में संशोधन से काम नहीं चलेगा। किसान इन कानूनों को वापस लेने पर अड़े हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा का प्रेस कांफ्रेस कर कहा कि वह सरकार की ओर से मिले बातचीत के न्योते को खारिज करते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव पर कोई बातचीत संभव नहीं है। किसान नेताओं ने कहा कि तीनों कानूनों को रद्द करने के नीचे हम तैयार नहीं है। सरकार इस तरह के प्रस्ताव भेजकर सिर्फ साजिश रच रही है।

हालांकि मोर्चा की ओर से सरकार को लिखे पत्र में कहा गया है कि सरकार अगर साफ नीयत से बातचीत को आगे बढ़ाना चाहे तो किसान संगठन वार्ता के लिए तैयार हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले करीब 40 किसान संगठनों के नेता देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान की अगुवाई कर रहे हैं। वहीं आज राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिल कर कृषि कानूनों के खिलाफ इकट्ठा किए गए दो करोड़ हस्ताक्षर सौपेंगा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दो करोड़ हस्ताक्षरों के साथ ज्ञापन सौंपेंगे जिसमें केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने का आग्रह किया जाएगा।

उधर, राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का ने कहा, ‘हम सरकार से फलदायी बातचीत के लिए अनुकूल माहौल बनाने का आग्रह करते हैं। वहीं, स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने कहा, ‘सरकार लगातार तथाकथित किसान नेताओं और संगठनों के साथ बातचीत कर रही है, जो हमारे आंदोलन से बिल्कुल भी जुड़े नहीं हैं। यह हमारे आंदोलन को तोड़ने का एक प्रयास है। प्रदर्शनकारी किसानों के साथ सरकार ठीक उसी तरह का व्यवहार कर रही जैसा वह अपने विपक्ष के साथ करती है।

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