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रूबिया सईद किडनैपिंग : यासीन मलिक सहित 10 लोग दोषी, 30 साल बाद आरोप तय

श्रीनगर – दिवंगत पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण मामले में 30 साल बाद टाडा की विशेष अदालत ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के चीफ यासिन मलिक सहित 10 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय हुए हैं। मलिक के अलावा जिन नौ लोगों के खिलाफ आरोप तय हुए हैं उनमें अली मोहम्मद मीर, मोहम्मद जमान मीर, इकबाल अहमद गांदरू, जावेद अहमद मीर उर्फ नलका, मोहम्मद रफीक पहलू उर्फ नाना जी उर्फ सलीम, मंजूर अहमद सोफी, वजाहत बशीर, मेहराजुद्दीन शेख और शौकत अहमद बक्शी के नाम शामिल हैं।

रूबिया सईद, जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा सईद की छोटी बहन हैं। उन्हें 8 दिसंबर 1989 में कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट द्वारा नौगाम से किडनैप किया गया था। फिर 13 दिसंबर को छोड़ा गया था। सीबीआई की तरफ से तब बताया गया था कि यह किडनैपिंग सरकार पर प्रेशर डालने के लिए थी। ताकि 5 आतंकवादियों को छुड़वाया जा सके। दबाव में सरकार को ऐसा करना भी पड़ा था।

बता दें कि यासीन मलिक ने 1994 में आतंकवाद का रास्ता छोड़कर राजनीति में एंट्री की थी। मलिक पर इस किडनैपिंग में शामिल होने के आरोप लगे थे। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि सरकारी वकील विजय कुमार डोगरा और एम ए गोनी (दोनों सीबीआई की तरफ से पेश हुए थे) को सुनने के बाद, आरोपियों के बयान दर्ज होने के बाद यह तय किया गया है कि सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय होने चाहिए।

इससे पहले पिछले साल मार्च में भी टाडा ने यासीन मलिक के साथ 6 अन्य लोगों के खिलाफ आरोप तय किए थे। 1990 का वह मामला भारतीय वायुसेना के चार अफसरों को मारने का था। बता दें कि मलिक फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्रथम दृष्टया में अनुमान लगाया कि आरोपी यासीन मलिक, अली मोहम्मद, मीर इकबाल अहमद, मंजूर अहमद सोफी, महराज उददीन शेख और रफीक अहमद ने धारा 364/368/120-बी आरपीसी, 3/4 टाडा अधिनियम और 27 आईए अधिनियम के तहत अपराध किए हैं, जबकि आरोपी मोहम्मद जमान मीर, जावेद अहमद मीर, वजाहत बशीर, शौकत अहमद बख्शी ने धारा 120 बी के तहत धारा 368 आरपीसी और धारा 3/4 के तहत टाडा अधिनियम के तहत अपराध किए हैं।

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