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Corona Vaccine : पुणे के सीरम इंस्टिट्यूट से निकली वैक्सीन की पहली खेप

पुणे – कोरोना वैक्सीन को लेकर देश वासियों के लिए खुशखबरी है। दरअसल 16 जनवरी से प्रस्तावित वैक्सीनेशन के लिए कोविशील्ड की पहली खेफ पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से रवाना हो चुकी है। इसकी जानकारी की डीसीपी नम्रता पाटील ने दी है। कोविशील्ड वैक्सीन को देश के अलग-अलग राज्यों में भेजने का काम 12 जनवरी (मंगलवार) से शुरू हो गया है। सरकार ने कोविशील्ड की 1.1 करोड़ डोज खरीदने का ऑर्डर दिया है।

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तड़के 4.30 बजे के करीब पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट से हुई रवाना –
कोरोना वैक्सीन की पहली खेप तीन ट्रकों में तड़के 4.30 बजे के करीब पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट से रवाना हो गई है। वैक्सीन को महाराष्ट्र पुलिस की कड़ी सुरक्षा में रवाना किया गया है। बता दें कि सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट को 1.1 करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर दिया है और ऑर्डर के 24 घंटे के भीतर ही सीरम इंस्टीट्यूट ने देश को कोरोना वैक्सीन की पहली खेप मुहैया करा दी है।

महाराष्ट्र पुलिस की कड़ी सुरक्षा –
बता दें कि ट्रकों से जरिए कोरोना की दवा देश के अलग-अलग राज्यों तक पहुंचेंगी। दवा को प्रोडक्शन प्लांट से एयरपोर्ट तक जिन गाड़ियों में ले जाया जा रहा है। वो भी बेहद खास हैं। इन गाड़ियों में -25 से 25 डिग्री तक तापमान मैनेज रहता है। दवा की सुरक्षा के लिहाज से पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दवा लेकर जाने वाली गाड़ियों की भी GPS से चौबीसों घंटे निगरानी की जाएगी। दूसरे राज्यों से भी कॉर्डिनेट कर रहे हैं और वह सेंट्रल सेल से निगरानी रखेंगे।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैक्सीन के हर डोज की कीमत 200 रुपये है। इस पर 10 रुपये GST लगेगा, यानी इसकी कीमत 210 रुपये होगी। कोविशील्ड वैक्सीन के बॉक्स को पुणे एयरपोर्ट ले जाने के लिए तीन कंटेनर ट्रकों को बुलाया गया। इन ट्रकों में वैक्सीन को रखकर पुणे एयरपोर्ट पहुंचाया गया, जहां से कुल 8 उड़ानें कोविशिल्ड वैक्सीन को 13 विभिन्न स्थानों पर ले जाएंगी। पहली फ्लाइट दिल्ली एयरपोर्ट के लिए रवाना होगी। फिर दिल्ली से वैक्सीन को देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जाएगा।

पहले इन्हें दी जाएगी खुराक –
इस बीच सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में 50 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को और 50 वर्ष से नीचे के उन बीमार लोगों को जिनको संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है, उनको टीका लगाया जाएगा. इस टीकाकरण अभियान में सबसे अहम उनकी पहचान और मॉनीटरिंग का है जिनको टीका लगाना है। बूथस्तर तक की रणनीति को अमल में लाना है। कंटेनमेंट और सर्विलांस से जुड़े कर्मचारियों को पहले चरण में टीका लगाया जाएगा। तीन करोड़ संख्या होती है फ्रंटलाइन वर्कर्स की। इनके वैक्सीनेशन पर आने वाले खर्च को राज्य सरकारों को वहन नहीं करना है।

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