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कोरोना वैक्सीन से जुड़े 7 जरुरी सवाल-जवाब, जिन्हें सबको पता होना जरुरी

नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशभर में टीकाकरण अभियान की शुरुआत कर दी है। कोरोना के रोकथाम के लिए आज इस अभियान को शुरू किया गया। वैक्सीनेशन के पहले चरण में 3 करोड़ लोगों को टीका लगाया जाना है। देश में कोरोना की वैक्सीन रोल आउट हो गई, लेकिन अब भी लोगों के मन कई सवाल चल रहे हैं।

1) क्या यह वैक्सीन सुरक्षित है ?
सुरक्षा और प्रभाव के डेटा की जांच के आधार पर मंजूरी के बाद ही नियामक निकायों द्वारा वैक्सीन लगाई जाएगी। कोरोना की वैक्सीन स्वैच्छिक है। हालांकि खुद की सुरक्षा और बीमारी के प्रसार के को सीमित करने के लिए कोरोना वैक्सीन की पूरी खुराक आवश्यक है।

2) वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए किन कागजों को जरूरत है?
टीका लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने होंगे। इसके लिए ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, बैंक खाते की पासबुक, मनरेगा कार्ड, स्वास्थ्य मंत्रालय का हेल्थ आईडी कार्ड में से किसी भी डॉक्यूमेंट की सहायता से रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।

3) वैक्सीन लगवाने के तुरंत बाद क्या करें?
अगर आपने सेंटर पर कोरोना की वैक्सीन का डोज लिया है तो कुछ समय तक आप वहीं पर आराम करें। इस दौरान आपको कोई दिक्कत आती है तो तुरंत डॉक्टर या वहां मौजूद अधिकारी से अपनी परेशानी के बारे में बताएं।

4) वैक्सीन की कितनी डोज और कितने दिन का अंतर रहेगा?
भारत में वैक्सीन की कुल दो डोज दी जाएगी और पहली डोज के 28 दिनों के बाद दूसरी डोज लेने के लिए आपको वैक्सीनेशन केंद्र पर जाना होगा।

5) क्या वैक्सीन की दोनों डोज लगवाना जरूरी है?
हां, वैज्ञानिकों के अनुसार सभी को वैक्सीन की पूरी डोज लेनी चाहिए। ताकि कोरोना के खिलाफ इलाज पूरा हो और इम्यूनिटी बन सके।

6) क्या वैक्सीन का टीका आपके घर पर ही लगाया जाएगा?
सरकार ने अभी ड्राई रन में जिस नीति को अपनाया है उसके अनुसार जिलों, कस्बों, गावों में मौजूद सरकारी अस्पताल या अन्य स्थानों पर टीकाकरण के लिए केंद्र बनाया गया है। वहीं कोरोना का टीका लगाया जाएगा। फिलहाल सरकार की घर पर वैक्सीन उपलब्ध कराने की कोई योजना नहीं है।

7) यदि कोई कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि जैसी बीमारियों की दवा ले रहा है, तो क्या वो कोराना की वैक्सीन लगा सकते हैं?
हां, इनमें से एक या एक से अधिक स्वास्थ्य परिस्थितियों वाले व्यक्तियों को एक उच्च जोखिम वाली श्रेणी में माना जाता है. उन्हें कोरोना की वैक्सीन लेने की जरूरत है।

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