शेयर बाजार से कमाने चाहते है पैसा कमाई, तो स्टेप बाई स्टेप फॉलो करे ये पूरा प्रोसेस
नई दिल्ली – अमेरिका में जो बाइडेन प्रेसिडेंट बनते ही भारतीय शेयर बाजार में तेजी देखा गया। भारतीय बाजार ने आज इतिहास रच दिया है। सेंसेक्स, निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर कारोबार करते नजर आ रहे है। पहली बार सेंसेक्स 50 हजार के पार पहुंचने में कामयाब रहा है। सेसेंक्स ने 6 साल 8 महीने 5 दिन में 25 हजार से 50 हजार तक के सफर को तय किया है।
इस दौरान केवल कुछ ही मिनटों में शेयर बाजार से निवेशकों 1.40 लाख करोड़ रुपए की कमाई कर डाली। बुधवार को बीएसई लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 1,97,70,572.57 करोड़ रुपए था, जो गुरुवार को शुरुआती कारोबार में 1,35,552 करोड़ रुपए बढ़कर 1,99,06,124.57 करोड़ रुपए हो गया। जनवरी का महीना निवेशको के लिए काफी शुभ रहा है। केवल जनवरी महीने में बीएसई का कुल मार्केट कैप 11 लाख करोड़ रुपए बढ़ गया है।
हालांकि शेयर बाजार में निवेश कई लोग करना चाहते हैं लेकिन इस बाजार की टेक्निकल बातों और बाजार के जोखिम के चलते लोग यहां निवेश करने से कतराते हैं।
सबसे पहले निवेश पर सोचे – किसी भी निवेश से पहले आपको यह जानना जरुरी है कि आखिर आप निवेश करना क्यों चाहते हैं। अपने वित्तीय लक्ष्य को हासिल करने के तरीके को जानना सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है जिसे आप अपने लिए कर सकते हैं। केवल कुछ मूल बातें जानने की जरूरत है, एक योजना बनाएं और उसका पालन करे।
वित्तीय लक्ष्यों का बना ले लिस्ट – सबसे पहले महत्वपूर्ण वित्तीय लक्ष्यों को लिस्ट बना लें। आपको यह तय करना होगा कि आप शादी के लिए निवेश कर रहे हैं, अपने बच्चे के कॉलेज फंड, सेवानिवृत्ति, या कुछ और। फिर तय करें कि आपको अपने लक्ष्य को कितने वर्षों में पूरा करना है।
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट्स खोलें –
एक स्टॉक ब्रोकर चुनें जहां डीमैट और ट्रेडिंग खाता खुलवाया जा सकें।
केवाईसी के नियमों को पूरा करें।
केवाईसी की सत्यापन प्रक्रिया पूरा होते ही आप बाजार से कमाई करने के लिए आप रजिस्टर्ड हैं।
निवेश का बजट सेट करे – बजट तय करना निवेश का महत्वपूर्ण हिस्सा है। शेयरों में निवेश शुरू करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए। इसके अलावा, विश्लेषण करें कि क्या वार्षिक एकमुश्त निवेश करना आपके लिए अनुकूल होगा या यह मासिक आधार पर अधिक आकर्षक होगा। इसमें सबसे ज्यादा ध्यान देने वाले बात यह है कि आप कोई ऐसा लक्ष्य तुरंत के लिए न बना लें जिसमें सीधे 50 फीसदी का मुनाफा हो।
निफ्टी में निवेश – जब आप यह सब पता लगा लेते हैं, तो आप निफ्टी जैसे सूचकांकों के लिए तैयार हैं। ये है तरीके-
स्पॉट ट्रेडिंग और डेरिवेटिव ट्रेडिंग – निफ्टी में निवेश करने का सबसे सरल तरीका किसी कंपनी के स्टॉक्स को खरीदना। जब आप किसी कंपनी का स्टॉर खऱीदते हैं तो आप उनकी कीमत बढ़ने पर पूंजीगत लाभ का फायदा उठा सकते हैं। वहीं डेरिवेटिव्स एक तरह वित्तीय अनुबंध हैं ये स्टॉक, कमोडिटीज, मुद्राएं आदि हो सकते हैं।
आसान शब्दों में फ्यूचर्स कॉन्ट्रेक्ट खरीदार और विक्रेता के बीच भविष्य की तारीख पर निफ्टी लॉट के ट्रेडिंग का एक समझौता है। अनुबंध की अवधि के दौरान, यदि कीमत बढ़ जाती है, तो आप स्टॉक बेच सकते हैं और यील्ड कमा सकते हैं। यदि कीमत कम हो जाती है, तो आप सेटलमेंट डेट तक इंतजार कर सकते हैं ताकि कीमत कम हो सकें।
एक ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट वह है जो खरीदार और विक्रेता के बीच निफ्टी लॉट को एक विशिष्ट मूल्य पर भविष्य की तारीख में व्यापार करने के लिए निर्धारित किया जाता है। ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट का खरीदार प्रीमियम का भुगतान करके कानूनी अधिकार प्राप्त करता है। हालांकि, अगर भविष्य में कीमत लाभ दे रही है तो भविष्य में निफ्टी को खरीदने / बेचने का दायित्व उनका नहीं है।
इंडेक्स फंड्स यह एक पोर्टफोलियो (स्टॉक, बॉन्ड, इंडेक्स, मुद्राएं, आदि) के साथ म्यूचुअल फंड का एक प्रकार है, जो मार्केट इंडेक्स (स्टॉक और उनकी कीमत में उतार-चढ़ाव) के घटकों को मैच या ट्रैक करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो व्यापक बाजार प्रदर्शन प्रदान करता है। इंडेक्स फंड के माध्यम से अपने पैसे को इंडेक्स में डालते हैं।