11 बजे, 59 मिनट, 59 सेकंड पर बाइडेन को मिली अमेरिका में परमाणु हथियारों की चाबी
वाशिंगटन – जो बाइडन ने बुधवार को एक ऐतिहासिक समारोह में अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। बाइडन अब अमेरिका के इतिहास में सबसे अधिक उम्र के राष्ट्रपति है। बाइडन (78) ने अपने परिवार की 127 वर्ष पुरानी बाइबिल के साथ शपथ ली। वहीं भारतीय मूल की कमला देवी हैरिस ने अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति के रुप में शपथ लेकर इतिहास रच दिया। साथ ही बाइडेन को परमाणु हथियारों की चाबी भी मिल गयी।
दरअसल अमेरिका में राष्ट्रपति बदलते ही न्यूक्लियर फुटबॉल या अमेरिकी परमाणु हथियारों को लॉन्च करने के का अधिकार भी बदल गया है। अगर यह सामान्य समय होता और निवर्तमानराष्ट्रपति के तौर पर ट्रम्प शपथ समारोह में मौजूद होते तो फुटबॉल कहलाने वाले न्यूक्लियर कोड के बैग का हस्तान्तरण वहीं होता। ऐसे में ट्रम्प के साथ खड़ा सैन्य अधिकारी बाइडन के साथ खड़े अधिकारी को बैग सौंपता और परमाणु हथियारों की चाबी नए राष्ट्रपति को मिल जाती। मगर इस बार ऐसा इसलिए नहीं हो सका क्योंकि ट्रम्प बाइडन के शपथ समारोह से नदारद थे। इतना ही नहीं वो शपथ के वक्त वॉशिंगटन से दूर फ्लोरिडा में थे।
ट्रम्प के वॉशिंगटन से रवाना होने और फ्लोरिडा में होने के कारण न्यूक्लियर फुटबॉल का बैग उनके साथ ही गया। यह बैग 20 जनवरी को 11:59 मिनट और 59 सेकंड तक ट्रम्प के इस्तेमाल के लिए मौजूद था। मगर जाहिर है पावर ट्रांसफर के लिए इस बैग का एक संस्करण बाइडन के लिए भी रखा गया। दोपहर के 12 बजते ही ट्रम्प के कोड वाला बैग डिएक्टिवेट कर दिया गया और बाइडन के पास अमेरिका के परमाणु हथियारों की चाबी आ गई।
मगर बाद में अमेरिकी परमाणु हथियारों को संभालने वाले स्ट्रेटेजिक कमांड के प्रमुख जनरल माइक मिली से हासिल ब्रीफिंग के बर्फ उन्होंने अपने कॉकस या ग्रुप को बताया कि चिंता की बात नहीं है। इस व्यवस्था में हिफाज़त के इंतजाम किए गए हैं। ताकि कोई राष्ट्रपति मनमाने तरीके से परमाणु हथियारों को चलाने का आदेश नहीं दे सकता।