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चीन द्वारा भारतीय वैक्सीन का फॉर्मूला चुराने की कोशिश, ऐसे हुआ खुलासा

नई दिल्ली – पड़ोसी देश चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और उसकी एक बड़ी साजिश सामने आई है। दुनियाभर में कोरोना वायरस फैलाने के आरोपी चीन ने भारत में कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को निशाना बनाने की कोशिश की थी। चीन सरकार के समर्थित हैकर्स ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई चेन को बाधित करने की कोशिश की थी।

चीनी सरकार समर्थित हैकरों ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के टीके के फॉर्मूले को चुराने की कोशिश की थी। इन दोनों कंपनियों की वैक्सीन कोविशिल्ड और कोवैक्सीन ही भारत में लोगों को दिए जा रहे हैं। गोल्डमैन सैक्स से जुड़ी कंपनी सायफर्मा के मुताबिक, चीनी हैकिंग ग्रुप APT10 ने वैक्सीन कंपनियों के आईटी इन्फ्रटास्ट्रक्चर में सेंध लगाई थी।

सिंगापुर और टोक्यो में स्थित साइबर इंटेलिजेंस फर्म साइफर्मा ने बताया कि चीनी हैकर्स APT10 (स्टोन पांडा के नाम से भी जाना जाता है) ने भारत के बायोटेक और SII के आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई चेन सॉफ्टवेयर की कमजोरियों का पता लगाने की कोशिश की थी। गौरतलब है कि भारत और चीन दोनों ही देश अलग-अलग देशों को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करवा रहे हैं और भारत दुनियाभर में बिकने वाले सभी वैक्सीन का 60 फीसदी से अधिक उत्पादन करता है।

वहीं, एसआईआई और भारत बायोटेक ने भी इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। माइक्रोसॉफ्ट ने नवंबर में कहा था कि उसने भारत, कनाडा, फ्रांस, दक्षिण कोरिया और अमेरिका में कोविड वैक्सीन कंपनियों को टारगेट करने वाले रूस और उत्तर कोरिया के साइबर हमलों का पता लगाया। उत्तर कोरियाई हैकर्स ने ब्रिटिश ड्रगमेकर एस्ट्राजेनेका के सिस्टम में सेंध लगाने की भी कोशिश की।

चीन ने साइबर हमले को लेकर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। गौरलतब है कि चीनी हैकर्स ने मुंबई में साइबर अटैक कर बिजली आपूर्ति ठप करने की साजिश रची थी। चीन अपनी इस हरकत से सीमा विवाद को लेकर भारत को कड़ा संदेश देना चाहता था।

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