नई दिल्ली –
भारत और अमेरिका ने अपने रिश्तों को नया आयाम देते हुए मंगलवार को बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन अग्रीमेंट (BECA) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। तीसरी ‘2+2’ मंत्री स्तरीय बैठक के लिए भारत आए अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर की भारतीय समकक्षों एस जयशंकर और राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस अहम कदम की घोषणा की गई।
इसके बाद दोनों देशों की ओर से साझा बयान जारी किया गया है। बैठक में अमेरिका ने भारत के साथ परमाणु सहयोग को लेकर भी सहमति जताई। बैठक के बाद दोनों देशों ने साझा प्रेस वार्ता की। इस दौरान भारत और अमेरिका दोनों देशों ने चीन को भी कड़ा संदेश दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने बयान में कहा कि भारत और अमेरिका की दोस्ती लगातार मजबूत हुई है, 2+2 बैठक में भी दोनों देशों ने कई मसलों पर मंथन किया।
अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में भारत और अमेरिका की दोस्ती ना सिर्फ एशिया बल्कि दुनिया के लिए काफी अहम है। अमेरिकी रक्षा मंत्री बोले कि चीन की ओर से दुनिया के लिए खतरा बढ़ता जा रहा है, ऐसे में बड़े देशों को साथ आना होगा। मार्क एस्पर के मुताबिक, भारत-जापान और अमेरिका साथ में कई सैन्य ऑपरेशंस करेंगे, मालाबार एक्ससाइज़ भी की जाएगी।
– BECA भारत के साथ अमेरिका का चौथा और अंतिम ‘मूलभूत’ करार है। दोनों देशों ने सैन्य सूचनाओं के आदान-प्रदान और सुरक्षित संचार व्यवस्था को बनाने के लिए पहले ही जनरल सिक्योरिटी ऑफ मिलिट्री इंफॉर्मेशन एग्रीमेंट (2002), लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (2016), कम्युनिकेशंस कम्पेटिबिलिटी एंड सिक्योरिटी एग्रीमेंट (2018) पर हस्ताक्षर किए हैं।
– BECA गोपनीय भू-स्थानिक डेटा के साथ-साथ महत्वपूर्ण सैन्य अनुप्रयोगों वाली अहम जानकारी तक भारत को पहुंच प्रदान करेगा।
– BECA के तहत दोनों देश मानचित्र, समुद्री और वैमानिकी चार्ट, वाणिज्यिक और अन्य अवर्गीकृत इमेजरी, भूभौतिकीय, भू-चुंबकीय और गुरुत्वाकर्षण डेटा का आदान-प्रदान कर सकते हैं।
– यह समझौता अमेरिका को उपग्रह और सेंसर से लिया गया संवेदनशील डेटा साझा करने की अनुमति देगा, जो भारत को बेहद सटीकता के साथ सैन्य लक्ष्यों को देख पाने में मदद करेगा।
– इसके अलावा भारत हिंद महासागर में चीनी युद्धपोतों के आवागमन या अन्य हरकतों पर कड़ी नजर रख सकेगा।
– पाकिस्तान के मामले में देखा जाए तो अगर कभी बालाकोट की तरह एक और हवाई हमला होता है, तो भारत ऐसे लक्ष्यों को सफलतापूर्वक नष्ट किए जाने की अमेरिका के उपग्रह और अन्य माध्यम से मिलने वाले डाटा से पुष्टि कर सकेगा।