जानिए कैसे खरीद सकते है E-Sim और क्या है इसके फायदें
नई दिल्ली –
आज जमाना 2020 का है। इस दौर पर टेक्नोलॉजी काफी आगे बढ़ गयी है। यु कहे की ये जमाना ही टेक्नोलॉजी का है। आजकल सारी चीजें डिजिटल माध्यम से होने लगी है। कोरोना काल में ऑनलाइन क्लासेज, 2G से 4G और अब जल्दी हम 5G की ओर आगे बढ़ रहे है। इसके अलावा ऑनलाइन लेन-देन काफी आगे बढ़ गया है।
क्या होता है E-Sim –
अब टेलिकॉम इंडस्ट्री भी डिजिटीलाइज़्ड हो चुकी है। और नॉर्मल सिम की बजाए अब कंपनियां eSIM की सुविधा देने लग गई है। जिसे आप डायरेक्टली अपने स्मार्टफोन पर डाउनलोड करके इस्तेमाल कर सकते हैं। ई-,सिम की वजह से आपको नॉर्मल तौर पर सिम की ज़रूरत नहीं पड़ती है। eSIM को इंबेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल कहा जाता है। यह तकनीक सॉफ्टवेयर के जरिए काम करती है। पहले इस तकनीक का इस्तेमाल केवल स्मार्टवॉच में किया जा रहा था। लेकिन इस तकनीक को अब iPhones के नए मॉडल्स के साथ पेश कर दिया गया है। यूजर्स को इससे एक ऑपरेटर से दूसरे ऑपरेटर में स्विच करने में भी आसानी होगी।
कैसे खरीद सकते है E-Sim –
अगर आप Vi की कंपनी का ई-सिम पाना चाहते हैं तो आपको इसकेपोस्टपेड प्लान का सब्सक्रिप्शन लेना होगा। वहीं, अगर आप पहले से एक पोस्टपेड यूजर हैं तो आप अपनी नॉर्मल सिम को ई-सिम में कन्वर्ट करा सकते हैं। बता दें कि Vi की ये सर्विस फिलहाल मुंबई, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र और गोवा में एवेलेबल है।
अगर जियो की बात करें तो जियो और Vi दोनों का सिम पाने का प्रोसेस एक जैसा ही है। आपको कंपनी के स्टोर पर जाना होगा। इसके बाद आपको KYC फॉर्म भरना होगा। आपको ई-सिम मिल जाएगी। हालांकि इसके लिए आपके पास ई-सिम सपॉर्टेड डिवाइस का होना बेहद ज़रूरी है। वहीं, अगर आप एयरटेल यूजर हैं और अपनी नॉर्मल सिम को ई-सिम में कंवर्ट करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए 121 पर एक SMS करना पड़ेगा।
ई-सिम के फायदे –
बता दें कि जियो, एयरटेल और Vi (वोडाफोन-आइडिया) जैसी कंपनियां ग्राहकों को ई-सिम खरीदने की सुविधा दे रही है। ई-सिम का सबसे बड़ा फायदा है कि अगर आप विदेशों में ट्रैवल करते हैं तो मिनटों में ई-सिम खरीदी जा सकती है। वहीं अगर आपके पास फिजिकल सिम कार्ड होगा तो आपको स्टोर जाकर ही सिम बदलवाना होगा, जिससे समय की भी बर्बादी होगी।
इसका दूसरा फायदा है कि आपको इसके खो जाने का भी डर नहीं रहता। क्योंकि इसमें सिम ट्रे की कोई ज़रूरत नहीं पड़ती। वहीं, अगर इसके नुक्सान की बात करें तो ई-सिम एक सामान्य सिम कार्ड की तुलना में महंगा होता है।
2016 में हुई थी शुरुआत –
इस तकनीक की शुरुआत 2016 में हो चुकी है। स्मार्टफोन निर्माता कंपनी सैमसंग ने भारत में सबसे पहले इस तकनीक का इस्तेमाल अपने स्मार्टवॉच सैमसंग गियर 2 में किया था। बाद में इस तकनीक का इस्तेमाल एपल वॉच 3 में किया गया। भारत में फिलहाल एयरटेल और जियो के पास ही ई-सिम उपलब्ध है।
आसानी से बदल सकते हैं नेटवर्क प्रोवाइडर –
मान लीजिए अभी आप जियो का नंबर इस्तेमाल कर रहे हैं और इसको आपने जियो के ही ई-सिम में चेंज करवा लिया। इसके कुछ समय बाद आप चाहते हैं कि आपका नंबर यही रहे लेकिन आप नेटवर्क प्रोवाइडर बदलकर एयरटेल की सर्विस लेना चाहते हैं तो आपका यही नंबर एयरटेल में बदल दिया जाएगा और आप बिना नंबर बदले, बिना सिम बदले एयरटेल की सर्विस का फायदा ले सकेंगे।