Bru Refugees के मुद्दे पर उत्तरी त्रिपुरा में बवाल, कई जगहों पर आगजनी – Video
त्रिपुरा –
उत्तरी त्रिपुरा जिले के डोलुबारी गांव में ब्रू शरणार्थियों को बसाने का मामला गरमा गया है। स्थानीय लोग ब्रू शरणार्थियों को बसाये जाने का विरोध कर रहे हैं। विरोध में लोगों गाड़ियों में आग लगा दी। इसके अलावा पुलिस पर पथराव भी किये। हालांकि जवाब में पुलिस मे आंसू गैस के गोलों छोड़े। प्रदर्शनकारियों ने मिजोरम से ब्रू शरणार्थियों के पुनर्वास का विरोध करते हुए उत्तरी त्रिपुरा जिले के डोलुबरी गांव में वाहनों में आग लगा दी।
#WATCH Locals protest against the rehabilitation of Bru refugees from Mizoram, in Dolubari village of North Tripura district, Tripura pic.twitter.com/CSz0cyH56C
— ANI (@ANI) November 21, 2020
प्रदर्शनकारियों ने डोलुबरी गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। मौके पर भारी सुरक्षा तैनात की गई है, हालात पर नियंत्रण पाने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े जा रहे है। पुलिस ने स्थानीय लोगों से अपील करते हुए कहा कि वो लोग किसी भी असामाजित संगठन के बहकावे में ना आए। दरअसल ब्रू शरणार्थी के मुद्दे पर त्रिपुरा, मिजोरम और केंद्र सरकार के बीत समझौता हुआ था।
समझौते के तहत केंद्र सरकार ने 600 करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था। समझौते के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने जानकारी दी थी कि त्रिपुरा में लगभग 30,000 ब्रू शरणार्थियों को बसाया जाएगा।
कौन हैं ये ब्रू शरणार्थी, कब से रह रहे है भारत में –
ब्रू शरणार्थी किसी दूसरे देश से नहीं आए हैं, मिजोरम में मिजो आतंकी इस जनजाति के लोगों को बाहरी समझते थे और उस वजह से उन्हें निशाना बनाते थे। ब्रू को रियांग जनजाति भी कहते हैं। 1995 में यंग मिजो एसोसिएशन और मिजो स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने ब्रू जनजाति को बाहरी घोषित किया और 1997 का साल ब्रू लोगों के लिए काला वर्ष साबिक हुआ। उनके खिलाफ हिंसा में दर्जनों गावों के सैकड़ों घर जला दिए गए। उसके बाद से ब्रू लोग तब से जान बचाने के लिए रिलीफ कैंपों में रह रहे हैं।