Farmers Protest : 2 लाख और किसान पहुंचेंगे दिल्ली, 40 किलोमीटर तक लगा गाड़ियों का काफिला
नई दिल्ली – देश में इन दिनों नए कृषि कानूनों को लेकर किसान द्वारा विरोध प्रदर्शन हो रहे है। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली, हरियाणा और यूपी बॉर्डर पर विराट प्रदर्शन देखा जा रहा है। किसानों की भीड़ को नियंत्रण करने के लिए पुलिस को पानी के बौछार के साथ-साथ आंसू गैस के भी गोले छोड़ने पर रहे है। फिर भी किसान अपने आंदोलन से पीछे नहीं हटे है।
इस बीच दिल्ली कूच कर रहे पंजाब के किसानों को राजधानी में प्रवेश करने की इजाजत तो मिल गई है लेकिन, कुछ मांगों को लेकर किसान भी भी सिंघु बार्डर पर बैठे हैं। किसान नेता आज बैठक कर आगे के कदमों के बारे में चर्चा करेंगे। हालांकि कुछ किसान बुराड़ी के निरंकारी मैदान पर पहुंचना शुरू हो गए हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, केंद्र द्वारा लागू कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान शनिवार सुबह सिंघु बॉर्डर पर जमा हुए और बैठक की। इसमें उन्होंने प्रदर्शन के लिए उत्तर दिल्ली में स्थान निर्धारित करने के बावजूद सीमा पर ही विरोध-प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया। टिकरी बॉडर पर मौजूद किसानों का भी प्रदर्शन जारी है। हालांकि, निर्धारित स्थल पर जाने को लेकर उन्होंने जल्द फैसला करने की बात कही।
Heavy security deployment at Singhu border (Delhi-Haryana) where protesting farmers are gathered
Delhi Police yesterday gave permission to farmers to hold their demonstrations at the Nirankari Samagam Ground in Delhi's Burari area pic.twitter.com/AN9tVbMKyW
— ANI (@ANI) November 28, 2020
एक खबर के मुताबिक, कृषि बिलों का विरोध कर रहे पंजाब के 31 सबसे बड़े कृषि संगठनों के लोग गाड़ियों से दिल्ली की ओर निकले हैं। गाड़ियों का यह काफिला 40 किलोमीटर लंबा है। खाने-पीने की चीजों से भरे सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रेलर, बस, कार और मोटरसाइकिलों में ये किसान भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) एकता-उग्रहन के हैं और वे जल्द ही राष्ट्रीय राजधानी पहुंच जाएंगे। बता दें कि दिल्ली के निरंकारी मैदान में पहुंचे किसानों के ट्रैक्टरों को सैनिटाइज किया जा रहा है।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन की दी गयी है अनुमति –
दिल्ली पुलिस ने कल किसानों को ग्राउंड में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दी थी। राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने उत्तरी दिल्ली और मध्य दिल्ली के जिला अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे किसानों के आश्रय, पेयजल, मोबाइल टॉयलेट के साथ ही ठंड के महीने और महामारी को देखते हुए उपयुक्त व्यवस्था करें।