वाराणसी में PM मोदी ने कहा- डर दिखाकर किसानों को बहकाया जा रहा है…
वाराणसी – पीएम नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे है। यहां ‘देव दीपावली’ उत्सव का पहला ‘दीया’ प्रज्जवलित करेंगे। हिंदू कैलेंडर के कार्तिक महीने की पूर्णिमा को देव दीपावली मनाई जाती है। इस साल देव दीपावली को गंगा नदी के दोनों किनारों पर 11 लाख दीप जलाकर मनाया जाएगा। बाद में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ पीएम क्रूज पर चेतराम घाट जाएंगे और वहां से एक शानदार लेजर शो भी देखेंगे।
PM मोदी की प्रमुख बातें –
– इस बीच वाराणसी में सभी को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि किसानों को भविष्य का डर दिखाकर बहकाया जा रहा है। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे किसानों को समझाने की कोशिश की कि सरकार का कोई भी कानून उनके खिलाफ नहीं है। मोदी ने कहा कि जब किसी क्षेत्र में आधुनिक कनेक्टिविटी का विस्तार होता है, तो इसका बहुत लाभ हमारे किसानों को भी होता है।
– बीते वर्षों में ये प्रयास हुआ है कि गांवों में आधुनिक सड़कों के साथ भंडारण, कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्थाएं खड़ी की जाएं। इसके लिए 1 लाख करोड़ रुपये का फंड भी बनाया गया है।
– पीएम मोदी ने कहा है कि जो हुआ ही नहीं उसको लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। पहले MSP पर खरीद कम होती थी। पहले किसानों के साथ सिर्फ धोखा होता था। पहले खाद की कालाबजारी होती थी। झूठ फैलाना उनकी आदत हो गई है।
– पीएम मोदी ने कहा कि हमने किसानों को सशशक्त करने का रास्ता अपनाया है। किसानों की आमदनी बढ़ाने पर हम लगातार काम कर रहे हैं। किसानों को फसल बेचने की आजादी है। नए कानून में पुराने तरीके से फसल बेचने की आजादी भी है। नया कानून किसानों के लिए फायदेमंद हैं।
– पीएम ने कहा एक हजार किसान परिवार काले चावल की खेती कर रहे हैं। काला चावल आज ऑस्ट्रेलिया निर्यात हो रहा है। किसान सुधार और उनके हित में हमने काम किया है। काला चावल आज 300 रुपये बिक रहा है।
– आज सरकार के प्रयास से किसान को लाभ मिल रहा है। किसान विदेश में निर्यात कर रहा है। लंदन तक में भारत की फल सब्जियों की मांग है।
– किसानों के नाम पर बड़े-बड़े कर्जमाफी के पैकेज घोषित किए जाते थे। लेकिन छोटे और सीमांत किसानों तक ये पहुंचते ही नहीं थे।
– पीएम मोदी बोले पहले मंडी के बाहर हुए लेनदेन ही गैरकानूनी थे। ऐसे में छोटे किसानों के साथ धोखा होता था, विवाद होता था। अब छोटा किसान भी, मंडी से बाहर हुए हर सौदे को लेकर कानूनी कार्यवाही कर सकता है। किसान को अब नए विकल्प भी मिले हैं और धोखे से कानूनी संरक्षण भी मिला है।
– सरकारें नीतियां बनाती हैं, कानून-कायदे बनाती हैं। नीतियों और कानूनों को समर्थन भी मिलता है तो कुछ सवाल भी स्वभाविक ही है। ये लोकतंत्र का हिस्सा है और भारत में ये जीवंत परंपरा रही है।