नई दिल्ली – कल यानि की शनिवार को देश के सभी राज्यों की राजधानियों में कोरोना वायरस की वैक्सीन के टीकाकरण का ड्राई रन किया गया। इसमें दिल्ली के टीकाकरण केंद्रों में कर्मचारियों की कमी, खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी और किसी विपरीत हालात से निपटने के लिए अधिक समय लगने जैसी समस्याएं सामने आईं। ड्राई रन का उद्देश्य ही वही था कि सरकारी क्षमता और लोगों को टीकाकरण की तैयारियों को परखा जाये।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तीनों टीकाकरण केंद्रों में टीका लगवाने वाले लोगों के पास सरकार की ओर से जारी किया गया आईडी कार्ड था, सरकारी कोविन पोर्टल पर उनका पंजीकरण भी चेक किया गया था, उनकी मेडिकल हिस्ट्री भी ली गई, इसके बद उन्हें 30 मिनट के लिए निगरानी में रखा गया। इन केंद्रों में विपरीत हालात से निपटने के लिए भी तैयारी की गई थी। आपातकालीन स्थिति में मरीजों को दी गई सेवा को समय भी रिकॉर्ड किया गया।
– इधर दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में टीकाकरण के लिए पहुंचे लोगों के आईडी कार्ड चेकिंग में समस्या आई। इस अस्पताल का स्टाफ ही टीका लगा रहा था और इसी का स्टाफ टीका लगवा भी रहा था।
– जानने में दुविधा हो रही थी कि कौन टीकाकरण करने वाला है और कौन करवाने वाला है। हमने राज्य की टीम को सुझाव दिया है कि निगरानी क्षेत्र में कुछ कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए।
– इसके साथ ही टीकाकरण केंद्रों में CoWIN पोर्टल का इस्तेमाल कने पर इंटरनेट काफी धीमे चलता पाया गया। इसके लिए आईटी टीम को जानकारी दे दी गई है।
– साउथ वेस्ट दिल्ली के डिप्टी कमिशनर नवीन अग्रवाल के अनुसार वेंकटेशवर अस्पताल के वेटिंग एरिया में भी कर्मचारियों की कमी देखने को मिली है। इससे वहां टीकाकरण के लिए पेपरवर्क करने में अधिक समय लग रहा है।