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SBI : अब मिलेगा FD से डबल मुनाफा और मुफ्त में 50 लाख का इंश्योरेंस

नई दिल्ली – स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) हर बार की तरफ एक बार फिर नई स्कीम का ऐलान किया है। जिसके मुताबिक, SBI म्‍यूचुअल फंड ने रिटायरमेंट बेनेफिट फंड लॉन्‍च किया है। इस एसबीआई म्‍यूचुअल फंड की नई स्‍कीम में निवेश मोटा मुनाफा हासिल कर सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इस नए फंड ऑफर में 3 फरवरी तक निवेश किया जा सकता है।

एसबीआई रिटायरमेंट बेनिफिट फंड, एक सॉल्‍यूशन ओरिएंटेड फंड है, जो रिस्‍क प्रोफाइल में 4 योजनाएं आफर कर रही है। इस स्‍कीम में एसआईपी के जरिए निवेश करने वालो को 50 लाख रुपये तक का टर्म इंश्‍योरेंस कवर भी मिल रहा है। एसबीआई के इस नए फंड ऑफर में और भी कई तरह फायदे हैं। जैसे डिविडेंड ऑप्शन में SWP की सुविधा और तिमाही आधार पर विद्ड्रॉल की सुविधा है।

5 हजार से कर सकते है शुरुआत –
इस स्कीम का नाम एसबीआई रिटायरमेंट बेनिफिट फंड सॉल्‍यूशन ओरिएंटेड स्‍कीम है। इसमें 3 फरवरी तक पैसा लगाया जा सकता है। निवेशक कम से कम 5,000 रुपये के साथ शुरुआत कर सकता है। एनएफओ किसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी की नई स्कीम होती है। इसके जरिए कोई म्यूचुअल फंड कंपनी शेयरों, सरकारी बॉन्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट में निवेश करने के लिए निवेशकों से पैसे जुटाती है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि म्युचूअल फंड्स में पैसा लगाने वालों को यहां एफडी से ज्यादा रिटर्न मिलेगा। अगर आसान शब्दों में कहें तो म्युचूअल फंड्स में सालाना 10 फीसदी तक का मुनाफा आसानी से हो जाता है। जबकि, एफडी पर अभी सिर्फ 5 फीसदी सालाना रिटर्न मिल रहा है।

50 लाख रुपये का इंश्योरेंस –
SBI म्युचूअल फंड अपने ग्राहकों को 50 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस भी दे रहा है। कोई भी 3 साल और उससे अधिक की अवधि के लिए एसबीआई रिटायरमेंट बेनिफिट फंड के तहत रजिस्‍टर्ड निवेशक टर्म इंश्योरेंस कवर का ऑप्शन चुन सकता है। इससे किसी दुर्घटना होने की स्थिति में नॉमिनी को 50 लाख रुपये तक का लाभ मिलेगा। एसआईपी इंश्‍योरेंस की खासियत यह है कि पहले तीन साल में बीमा कवर बढ़ेगा। बता दें कि जो लोग तीन साल से ज्‍यादा अवधि के लिए सिप के जरिये रजिस्‍टर कराएंगे, उन्‍हें मुफ्त लाइफ इंश्‍योरेंस कवर भी उपलब्‍ध कराया जाएगा।

बीच में भी निकाल सकते हैं पैसा –
रिटायरमेंट बेनिफिट फंड सॉल्‍यूशन ओरिएंटेड फंड स्कीम में भी ये सुविधा मिल रही है। निवेशक स्‍कीम में डिविडेंड विकल्‍प पर SWP सुविधा का भी लाभ उठा सकते हैं और अपने निवेश को तिमाही आधार पर सिस्‍टमैटिक तरीके से निकाल सकते हैं। हालांकि यह लॉक-इन अवधि के अधीन होगा. यह सुविधा निवेशक को रिटायरमेंट के बाद अपने खर्चों को पूरा करने में मदद कर सकती है।

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