नई दिल्ली – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज देश का आम बजट संसद में पेश कर रही है। पहली बार बजट पेपरलैस है और इसे ‘मेड इन भारत’ निर्मित टैब के जरिए पेश किया जा रहा है। इससे पहले वित्त मंत्री ने ‘यूनियन बजट मोबाइल ऐप’ लॉन्च किया था जिसके जरिए सांसद और आम जनता दोनों बजट डाक्युमेंट्स को आसानी से ऐक्सेस कर सकते हैं। कोरोना महामारी के कारण पैदा हुआ आर्थिक संकट से निपटने के लिए इस बजट में कई अहम ऐलान किए जा सकते हैं। बजट पर समाज के विभिन्न वर्गों की नजर टिकी हुई है और अब देखना होगा कि निर्मला सीतारमण के पिटारे से क्या निकलता है।
– कोरोना संकट में रिजर्व बैंक ने 27 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया। पीएम गरीब कल्याण योजना कोरोना काल के दौरान लाई गई।
– बीमारी पर नियंत्रण के लिए नेशनल हेल्थ सेंटर को और बेहतर बनाएंगे। 17 नए पब्लिक हेल्थ यूनिट खोलेंगे।हर जिले में इंटीग्रेट लैब की स्थापना होगी। हेल्थ सेक्टर का बजट बढ़ाया गया। देश में सबको साफ पानी उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है।
– स्वास्थ्य का बजट बढ़ाकर 94 हजार करोड़ से बढ़ाकर 2.34 लाख करोड़ किया गया जिसमें 135 फीसदी की बढोत्तरी की गई है।
– राष्ट्रीय राजमार्ग योजनाओं के तहत 1100 किलोमीटर लंबी नेशनल हाईवे वर्क्स केरल में होगा। इस पर 65 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। मुंबई-कन्याकुमारी कॉरिडोर इसका हिस्सा होगा। वहीं, 6500 किलोमीटर हाईवे बंगाल में बनाया जाएगा। इस पर 25 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें कोलकाता-सिल्लीगुड़ी रोड का सुधार भी शामिल है। भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत 3 हजार किलोमीटर से ज्यादा बन चुके हैं। 8 हजार किलोमीटर का कॉन्ट्रैक्ट मार्च तक दिया जाएगा।
– उज्जवला स्कीम से 8 लोगों को फायदा हुआ है और इसमें 1 करोड़ लोगों को और जोड़ा जाएगा। 3 साल में हम 100 नए जिलों को जोड़ेंगे जहां पाइपलाइन के जरिए गैस पहुंच सकेगी। जम्मू कश्मीर में भी गैस पाइप लाइन प्रोजक्ट की शुरूआत होगी। एक स्वतंत्र गैस सिस्टम की भी व्यवस्था की जाएगी। सेबी एक्ट में भी कुछ बदलाव की बात है। अलग-अलग एक्ट को एक एक्ट में लाने की बात है।
– सरकारी बैंकों के लिए 20 हजार करोड़ का इंतजाम, ताकि आपका पैसा सुरक्षित रहे। हम रणनीतिक विनिवेश की बात करते रहे हैं। इस वित्त वर्ष में हम एलआईसी का आईपीओ लेकर आएंगे।
– एमएसपी पर कई परिवर्तन हुए हैं। एमएसपी के तहत जो जिंस हम खरीदते हैं उस में भी बढ़ोत्तरी हुई है। 2013 से 2014 में जो आंकड़ा दे रही हूं उसे सभी को सुनना चाहिए। 2020 में गेहूं की खरीद पर 620000 करोड़ खर्च हुए जो 2014 में इसका आधा थे और 2020-21 में यह बढ़कर 75 हजार करोड़ से अधिक हो गया। इसी तरह धान की खरीद में भी तेजी तर्ज हुई और खरीद का कार्य अभी भी चल रहा है।
– 1 हजार से ज्यादा मंडियों को ई-नैब से जोड़ा जाएगा तांकि इसमें और अधिक पारदर्शिता लाई जा सके। आधुनिक मछली पालन के हार्बर बनाए जाएंगे जिसमें पैसा खर्च किया जाएगा। पांच जगह इस तरह का काम होगा। नदियों के किनारे भी इस तरह का कार्य हो सके, खरीद हो सके उसके लिए हब बनाए जाएंगे।
– देश भर में 100 नए सैनिक स्कूल खोले जाएगा। लेह में नए केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना होगी। आदिवासी स्कूलों में एकलव्य स्कूल खोले जाएंगे।
– 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी के लिए मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर फोकस रहेगा। आत्मनिर्भर भारत योजना और मेक इन इंडिया जैसी स्कीमों पर फोकस रहेगा।
– कृषि सेक्टर के लिए 16.5 लाख करोड़ रुपये का ऐलान किया गया। बीते साल के मुकाबले बड़ा इजाफा। 2020-21 में हुआ था 15 लाख करोड़ के आवंटन।
– तमिलनाडु में हाईवे प्रोजेक्ट्स के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की रकम का ऐलान। असम के लिए जारी होंगे 35 हजार करोड़। पश्चिम बंगाल के लिए जारी होंगे 25 हजार करोड़ रुपये। कन्याकुमारी कॉरिडोर पर खर्च होंगे 65 हजार करोड़।
– सरकारी बस सेवाओं के लिए 18 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इसके अलावा बेंगलुरु, नागपुर, चेन्नै, कोच्चि जैसे शहरों के लिए मेट्रो प्रोजेक्ट का ऐलान किया गया है।